About sidh kunjika
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
हुं हुं हुङ्काररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
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क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
जाग्रतं हि sidh kunjika महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,